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Showing posts from May 10, 2020

भिक्षु

कुछ सिखना हो कोई जरूरत हो भिक्षा-पात्र खाली ले जाना, दातार पर भरोसा हो, खाली वापिस नहीं भेजता. . तुम्हारे त्याग की परीक्षा होगी, तुम ब्रह्मांड के मालिक हो. मिलेगा वही. जितनी तुम्हारी तैयारी है. . फैल गये संदेश प्रेम का लेकर, जहां तक संभव तमस दूर हो, नहीं डरे रहे डटे न लड़े न भागे वरन् परिस्थितियों के प्रति जागे .

जायजा

याद रखना भले भूल जाना, याद रखना भले भूल जाना, ये जो परिवेश है, तुम्हारा अपना है, जिम्मेदार बनो या श्रीकृष्ण कह दो. एक परिंदा जो उड़ता है आकाश में, तुम्हारे घरों की छत भले शहर हो या गाँव हो ! धूप की भी है उसे खबर, भूल गया तू तुझे नहीं है खबर, पेट भरता नहीं या नहीं है खबर, परिंदों को भी है खबर, तेरी व्यवस्था इधर या उधर, बंधन हैं तुम्हारे अपने, पहरे सीमाओं से होंगे जिधर, वो धार्मिक ही नहीं, जो छीन ले निवाले, उसके होने के नाम पर,

परीक्षा

रहे हमेशा तैयार, करते रहे प्यार, छोड़ कर दासता, रखें खुद से वास्ता, . दर दर की ठोकरें, किसका मलाल छौकरे, पग पग खडी है परीक्षा, क्यों लड़ना भागना क्यों, . रहें हमेशा तैयार, करते रहे प्यार, . कब तक सोये रहोगे, उतना ही खोते जाओगे, मना लो जागरण, प्रेम उमड़ आयेगा, . रहे हमेशा तैयार, करते रहे प्यार, . गुरु बनेगी तेरी ही चेतना, मिट जायेगी सब वेदना, चाहे जिसे तुम भेदना, संजीदा रखें बस संवेदना, . रहे हमेशा तैयार, करते रहे प्यार, . प्रकृति अस्तित्व नहीं कोई योजना, ये ही है वो रहस्य, जिसे सबको है जानना, विरासत नहीं ये किसी की, . रहे हमेशा तैयार, करते रहे प्यार.

चैन भी बेचैन

चैन भी बेचैन जागे सारी रैन रैन बसेरा सोये सुबेरा छूट गया सहारा चुके न कर्ज़ भूल गये फर्ज़ सिखना तर्क पकड सको मर्ज ये मृत्यु नहीं, हत्या है. भूखे भी प्यासे भी, विलुप्त साधन संसाधन, थाली बजे, पैदाइश गायब, ताली बजाते. डरे हुए सब, मोमबत्तियां जले फूटते पटाखे वंचितों के अधिकार, हाशिये पर लगे, गिरते है फूल गिरे जिनके लिए, बोझिल झोली, न सिर्फ़ फटी, दुबारा सिल न सकी, प्रकृति ने जिसे, सबको दिया, खुली हवा, लाल सूरज, लिया छुपा, ये मृत्यु सहज नहीं, सरेआम हत्या है. हंस जो निहत्था है.