जायजा

याद रखना
भले भूल जाना,
याद रखना
भले भूल जाना,

ये जो परिवेश है,
तुम्हारा अपना है,
जिम्मेदार बनो या
श्रीकृष्ण कह दो.

एक परिंदा
जो उड़ता है आकाश में,
तुम्हारे घरों की छत
भले शहर हो
या गाँव हो !
धूप की भी है उसे खबर,
भूल गया तू
तुझे नहीं है खबर,
पेट भरता नहीं
या नहीं है खबर,

परिंदों को भी है खबर,
तेरी व्यवस्था इधर या उधर,
बंधन हैं तुम्हारे अपने,
पहरे सीमाओं से
होंगे जिधर,
वो धार्मिक ही नहीं,
जो छीन ले निवाले,
उसके होने के नाम पर,



Comments

मजदूर की व्यथा

अदृश्य शक्तियां

एक सोच एक विचार एक संदेश

विरोध या समर्थन/पक्ष या विपक्ष

भिक्षु

तलाश

पत्राचार बनाम ईमेल

आत्मनिर्भर भारत योजना की आड़

परीक्षा

संपादकीय कोविड19 पर दो बुद्धिजीवी.

मजदूर की व्यथा