पत्राचार बनाम ईमेल

पत्र के अंत में लिखा जाना,
👇
बाकि आप स्वयं समझदार हैं,
और क्या लिखूं ...
ईमेल से गायब है,
भारतीय डाक का स्थान भले इंटरनेट ने ले लिया हो
लेकिन भावनाओं के इंटरनेट से अभी भी काफी पीछे,
हिचकियों का आना,
कोई याद कर रहा समझ जाना,
बॉडी लैंग्वेज आदमी की आँख फड़कने पर,
फल शुभाशुभ दायी/बाई पर लिंगभेद प्रभावी,
घर से निकलना ..किसी का छींक देना.
श्लोगन बनना,
छींकत खाइये छींकत नहाइये,
छींकत मत जाइये,
एक मानसिक आधार पैदा कर,
पहले ही परिणाम सुनिश्चित कर लेना,
हमारी पुरानी आदत है,
घर से निकलना, भरे घडे का सामने से आना,
झट से निकालकर आना, घडे में डालना,
खुद को सफल मान मान सकारात्मक हो जाना,
आटा गूथना, आगे से तोडकर जरा सा पीछे लगा देना,
पहली रोटी गाय की, आखरी कुत्ते की,
भले जानकारी हो न हो,
सबका भला हो, मंशा को जन्म देती थी,
चाय का कप लेकर हाथ में,
ऊँगली डूबाकर, धरती पर छींटे मारना,
भले मालूम नहीं, आधार कोई हो न हो,
चाय की तासीर गर्म है के ठंडी जरूर बताती है,
तुलसी, वट,पीपल को पूजना,
भले यांत्रिक हो,
लेकिन शरीर के लिए अच्छे है
अवश्य बताते हैं,
यादगार लम्हें
जिंदगी थम सी गई है,
तेज दौड़ती हुई मोटर समझो,
मौत सामने खडी है,
सोच शौचालय तक सीमट गई है,
व्यर्थ की चीजें घर में स्थानांतरित हुई है,


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