अदृश्य शक्तियां

अदृश्य शक्तियों से लडना,
और डरकर भाग जाना,
किसी ईश्वर, अल्लाह, मसीह को रक्षक मान कर
वह आपकी रक्षा, मनोबल,उन्नति, सफलता का
ठेकेदार बनेगा,
प्रथम दृष्टया हार मान लेना जैसे होगा,

आस्था वा विश्वास प्रक्रिया बिन किये अपना मान लेना,
किसी एक के खाना खाने से
शेष परिवार का पेट भर जाने जैसा होगा,

हाँ
कुछ वर्ग जैसे वृद्ध, असहाय, मंदबुद्धि तर्क-वितर्क की
क्षमता के विहीन आलसी, तामसिक मनुष्य अंध-श्रृद्धा रखकर हिम्मत प्राप्त कर सकते है,
लेकिन वर्तमान परिदृश्य में जो साक्षर लोग
इस पंक्ति के प्रारंभिक पायदान के आरंभ में खडें है,

व्यवसायी, बिजनेस मैन स्व-व्यवसायी और नौकरी यानि नौकर,
इसमें सबसे अधिक लोग नौकर मानसिकता के है.
खुद को सिक्योर यानि आपदा रहित मानते है,

यहाँ से हार्डवर्कर और स्मार्ट वर्कर की श्रेणी शुरू होती है,
अब आप ही सोचें समझे.
आप धार्मिक क्यों है,
आप आस्तिक क्यों है,
आजतक आप से पहले जो प्रश्न हल हो जाने चाहिए थे,
आज भी क्यों खड़े है,
👇
कबीर साहेब का दोहा सटीक बैठता है,

कबीर भाषा अटपटी,  झटपट लखि न जाय,
जै झटपट लख जाय, सब खटपट मिट जाय.

Comments

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में शुक्रवार 22 मई 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. शुभकामनाएँ
    गूगल फॉलोव्हर का गेज़ेट लगाइए
    सादर

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    1. जी तहेदिल आभार आपका 🙏

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  3. ब्लॉग अनुसरणकर्ता गैजेट उपलब्ध करायें ।
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    सुन्दर सृजन।

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    Replies
    1. जी आपके मार्गदर्शन और सकारात्मक प्रतिक्रिया को तहेदिल आभार 🙏

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  4. अच्छी लगी भावाभिव्यक्ति

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  5. जी तहेदिल आभार आपका 🙏
    "मजदूर की व्यथा" भी पढे ✍️

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